देश के सभी शहरों में ऐसी दर्जनों कंपनियां हैं, जो अच्छे प्रोडक्ट्स को लॉन्च करने के लिए हमेशा दस से बीस लाख रूपए निवेश करने को तैयार रहती हैं, लेकिन कभी-कभी ये निवेश घाटे का सौदा साबित हो जाता है, जिस पर ध्यान देना बेहद आवश्यक है।
कोई भी स्टार्टअप तभी फेल होता है, जब उसे शुरू करने से पहले उसको लेकर किए गए शोध में कोई कमी रह जाती है। किसी भी काम को शुरू करने से पहले उपभोक्ता की मांग और जरूरत को ध्यान में रखकर उस पर रिसर्च करने की आवश्यकता होती है और फिर उस रिसर्च के अनुसार जब उसमें फीचर्स जोड़े जाते हैं, तो वो प्रोडक्ट बाज़ार में अपनी सफलता और असफलता को परिभाषित कर सकने में सक्षम हो जाता है।
आज का समय डिजिटल है और यह अभी से तय हो चुका है, कि आने वाला समय पूरी तरह से डिजिटल हो जायेगा। यही बात स्टार्टअप्स पर भी लागू होती है। ट्रेंड डिजिटल का है, लेकिन आप यहीं रुक नहीं सकते। अब आपको यह सोचना होगा कि इस क्षेत्र में नया क्या-क्या हो सकता है। क्योंकि इसमें चल पड़ी तकनीकी क्रांति रुकने वाली नहीं है। हर दिन इस तकनीक में नए बदलाव हो रहे हैं, ठीक वैसे ही जैसे भारत में शुरू हुई लैंडलाइन फोन सेवा अब स्मार्टफोन तक पहुंच गई है। उसी तरह आज की डिजिटल इंडस्ट्री भी शुरुआती दौर में है।
आने वाले समय में तेजी से बदलाव होंगे और सिर्फ वे स्टार्टअप ही सफल होंगे जो पूरी प्लानिंग और रिसर्च के साथ शुरूआत करेंगे। क्योंकि किसी भी स्टार्टअप को शुरू करने से पहले ज़रूरी है उसकी शोध, सामाजिक तौर पर उसकी ज़रूरत और मार्केट पर मजबूत पकड़। यदि इन तीन बातों का खास तौर पर खयाल रखा जाये, तो यकीनन स्टार्टअप कभी फेल नहीं होगा, बल्कि चल निकलेगा।