यह कहानी एक ऐसे इंसान की है जिसे बचपन से ही अत्यंत गरीबी का सामना करना पड़ा। आर्थिक तंगी के चलते इस शख्स ने सब्जी बेचकर व कई जगह मजदूरी करके काफी मुश्किल से रुपए जुटाए। जिंदगी में गरीबी और अभाव से ही प्रेरणा लेते हुए इस शख्स ने अपने अंदर कुछ बड़ा करने की चाह पैदा की और अपने पढ़ाई को जारी रखा। इनकी मेहनत सफल हुई और आज ये 500 करोड़ रूपये की सलाना टर्न ओवर करने वाली कंपनी के मालिक हैं।
महाराष्ट्रा के अहमद नगर जिले के एक छोटे से गांव अकोला में एक बेहद ही गरीब परिवार में पैदा लिए नितिन गोडसे की कारोबारी सफ़लता बेहद प्रेरणादायक है। नितिन के पिता एक प्राइवेट कंपनी में सेल्समैन थे और उनकी मासिक आय काफी कम थी। किसी तरह घर का दाना-पानी चल रहा था। तीन भाई-बहन में सबसे बड़े होने की वजह से परिवार पर हो रहे आर्थिक दबाव को कम करने के लिए इन्होनें एक स्थानीय दुकान पर सेल्समैन के रूप में काम करना शुरू कर दिया। साथ ही साथ अपनी पढ़ाई भी जारी रखा। अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, उनकी वित्तीय स्थिति ने उन्हें इंजीनियरिंग का अध्ययन करने की अनुमति नहीं दी, तो अंत में उन्होंने बीएससी करने का फैसला किया और 1992 में पुणे विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। ग्रेजुएशन करने के बाद उन्हें एक कंपनी में सुपरवाइजर की नौकरी मिली।
हालांकि, कुछ दिन काम करने के बाद नितिन ने आगे के विकास के लिए एक अच्छी शिक्षा की जरूरत महसूस की। समय की एक छोटी सी अवधि में शीर्ष प्रबंधकीय पद को प्राप्त करने के उद्येश्य से उन्होंने एमबीए करने का फैसला किया। एमबीए के बाद उन्हें एक एग्रो बेस्ड कंपनी में जॉब मिली। यह कंपनी ताजी सब्जियों को साफ-सुथरे ढंग से पैक करके बाजार में बेचती थी। एक किसान परिवार से आने वाले नितिन इस तरह के व्यापार के प्रति आकर्षित हुए और अंत में ख़ुद का एक ऐसा ही कारोबार शुरू करने का निर्णय लिया।एक दोस्त से 5 लाख रुपये उधार लेकर नितिन ने सब्जियों का बिजनेस शुरू किया।नितिन प्रतिदिन सुबह 3.30 बजे उठ जाते और सब्जियों से भरे ठेले को बाज़ार ले जाकर बेचा करते। लेकिन इस व्यवसाय से उन्हें कुछ खास लाभ नहीं प्राप्त हो सके और मजबूरन इसे बंद करना पड़ा। उसके बाद ख़ुद के पेट भरने के लिए एक गैस कंपनी में मार्केटिंग मैनेजर की नौकरी करने लगे।
फिर नितिन ने तीन साल काम करके फंड इकट्ठा किया और 1996 में गैस हैंडलिंग सिस्टम, सिलेंडर ट्रॉली, गैस कैबिनेट बनाने की कंपनी शुरू की। अपने इस भावी प्रोजेक्ट को नितिन ने नाम दिया “एक्सेल गैस और उपकरण प्राइवेट लिमिटेड”। यूँ कहे तो नाममात्र के निवेश से शुरू की गई यह कंपनी आज लगभग 500 करोड़ रुपये का सलाना टर्न ओवर कर रही है। इतना ही नहीं आज इस कंपनी में करीब 150 से ज्यादा स्थायी कर्मचारी है, जबकि बार्क, सिपला, आईआईएसआर व रिलायंस जैसी कंपनियां इनकी ग्राहक हैं।दिल से एक किसान नितिन ने जिंदगी में तमाम मुश्किलों के बावजूद अपने अंदर मानव मूल्यों और तेजी से विकास होने की एक स्थिर गति को बनाए रखा। फलस्वरूप उन्हें इतनी शानदार कामयाबी मिली। उनकी उद्यमशीलता की यात्रा युवा उद्यमियों के लिए प्रेरणा का एक मजबूत स्रोत होगा
यह कहानी आपको कैसी लगी, नीचे कमेंट बॉक्स में अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें। यदि यह कहानी आपको प्रेरणा दे रही जिंदगी में कुछ कर गुजरने की, तो इसे शेयर करें।
महाराष्ट्रा के अहमद नगर जिले के एक छोटे से गांव अकोला में एक बेहद ही गरीब परिवार में पैदा लिए नितिन गोडसे की कारोबारी सफ़लता बेहद प्रेरणादायक है। नितिन के पिता एक प्राइवेट कंपनी में सेल्समैन थे और उनकी मासिक आय काफी कम थी। किसी तरह घर का दाना-पानी चल रहा था। तीन भाई-बहन में सबसे बड़े होने की वजह से परिवार पर हो रहे आर्थिक दबाव को कम करने के लिए इन्होनें एक स्थानीय दुकान पर सेल्समैन के रूप में काम करना शुरू कर दिया। साथ ही साथ अपनी पढ़ाई भी जारी रखा। अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, उनकी वित्तीय स्थिति ने उन्हें इंजीनियरिंग का अध्ययन करने की अनुमति नहीं दी, तो अंत में उन्होंने बीएससी करने का फैसला किया और 1992 में पुणे विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। ग्रेजुएशन करने के बाद उन्हें एक कंपनी में सुपरवाइजर की नौकरी मिली।
हालांकि, कुछ दिन काम करने के बाद नितिन ने आगे के विकास के लिए एक अच्छी शिक्षा की जरूरत महसूस की। समय की एक छोटी सी अवधि में शीर्ष प्रबंधकीय पद को प्राप्त करने के उद्येश्य से उन्होंने एमबीए करने का फैसला किया। एमबीए के बाद उन्हें एक एग्रो बेस्ड कंपनी में जॉब मिली। यह कंपनी ताजी सब्जियों को साफ-सुथरे ढंग से पैक करके बाजार में बेचती थी। एक किसान परिवार से आने वाले नितिन इस तरह के व्यापार के प्रति आकर्षित हुए और अंत में ख़ुद का एक ऐसा ही कारोबार शुरू करने का निर्णय लिया।एक दोस्त से 5 लाख रुपये उधार लेकर नितिन ने सब्जियों का बिजनेस शुरू किया।नितिन प्रतिदिन सुबह 3.30 बजे उठ जाते और सब्जियों से भरे ठेले को बाज़ार ले जाकर बेचा करते। लेकिन इस व्यवसाय से उन्हें कुछ खास लाभ नहीं प्राप्त हो सके और मजबूरन इसे बंद करना पड़ा। उसके बाद ख़ुद के पेट भरने के लिए एक गैस कंपनी में मार्केटिंग मैनेजर की नौकरी करने लगे।
फिर नितिन ने तीन साल काम करके फंड इकट्ठा किया और 1996 में गैस हैंडलिंग सिस्टम, सिलेंडर ट्रॉली, गैस कैबिनेट बनाने की कंपनी शुरू की। अपने इस भावी प्रोजेक्ट को नितिन ने नाम दिया “एक्सेल गैस और उपकरण प्राइवेट लिमिटेड”। यूँ कहे तो नाममात्र के निवेश से शुरू की गई यह कंपनी आज लगभग 500 करोड़ रुपये का सलाना टर्न ओवर कर रही है। इतना ही नहीं आज इस कंपनी में करीब 150 से ज्यादा स्थायी कर्मचारी है, जबकि बार्क, सिपला, आईआईएसआर व रिलायंस जैसी कंपनियां इनकी ग्राहक हैं।दिल से एक किसान नितिन ने जिंदगी में तमाम मुश्किलों के बावजूद अपने अंदर मानव मूल्यों और तेजी से विकास होने की एक स्थिर गति को बनाए रखा। फलस्वरूप उन्हें इतनी शानदार कामयाबी मिली। उनकी उद्यमशीलता की यात्रा युवा उद्यमियों के लिए प्रेरणा का एक मजबूत स्रोत होगा
यह कहानी आपको कैसी लगी, नीचे कमेंट बॉक्स में अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें। यदि यह कहानी आपको प्रेरणा दे रही जिंदगी में कुछ कर गुजरने की, तो इसे शेयर करें।